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कविता

सुलगना क्या होता है

राहुल शर्मा


सुलगना क्या होता है
ये आज जान पाया
जिस दिन ईद का चाँद दिखा था
सभी गले मिल रहे थे
ईद की बधाइयाँ दे रहे थे
वहीं दुनिया के एक कोने में
आग लगी हुई थी
एक दूसरे को
बमों से बधाइयाँ दी जा रही थी
दुआओं में सबकी जान माँगी जा रही थी

ये तब जाना कि सुलगना क्या होता है
ईद के दिन जब
बमों से बधाइयाँ दी जा रहीं थीं
उनमें एक बच्चा भी था
जिसके शरीर पर बने नक्शे
पृथ्वी के बिगड़े भूगोल को दर्शा रहे थे
ये तब जाना की सुलगना क्या होता है


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